भाजपा में काम करो तो प्रधानमंत्री बन जाओ और काम न करो तो मुख्यमंत्री पद से भी हट जाओ। बिलकुल सही पढ़ा आपने, भाजपा कर्मयोगियों की पार्टी है। ये हम नहीं कहे बल्कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर बूथ कार्यकर्ता यही कहता है।
मंगलवार के लिए उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ भले अमंगल हुआ हो, लेकिन उत्तराखंड की जनता के साथ अब मंगल ही मंगल होगा। पार्टी कार्यकर्ताओं से दूरी, संगठन से तालमेल नहीं, ब्यूरोक्रेसी पर पकड़ नहीं और पार्टी में कई विधायक विरोध का सुर अलापे हुए थे। यही वजह है कि त्रिवेंद्र को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। ये भावी मुख्यमंत्री के लिए कड़ा संदेश है कि अगर काम नहीं करोगे तो कुर्सी पर बैठे रहने का कोई अधिकार नहीं है।
उत्तराखंड में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। त्रिवेंद्र सिंह रावत 4 साल मुख्यमंत्री रहे, अभी राज्य में विधानसभा होने में एक साल बाकी है।
बुधवार को भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई है जिसमें सीएम के लिए नए नाम पर मुहर लग सकती है। नए सीएम की रेस में सबसे आगे धन सिंह रावत का नाम चल रहा है। धन सिंह रावत, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खास माने जाते हैं।
धन सिंह रावत को संघ का काफी समर्थन है और उत्तराखंड में उन्हें जमीनी नेता माना जाता है इसलिए उनके सीएम बनने की ज्यादा चांस हैं। लेकिन सीएम पद की रेस में सतपाल महाराज और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का नाम भी चल रहा है।
बताया जा रहा है कि विधायकों और मंत्रियों में नाराजगी के कारण, पार्टी कार्यकर्ताओं से दूरी, ब्यूरोक्रेसी पर पकड़ नहीं होना और कुंभ में अव्यवस्थाओं के कारण उनसे इस्तीफा लिया गया है। पार्टी में लगातार बढ़ते विरोध के बाद हाईकमान को मंथन करना पड़ा।
इस्तीफे के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। त्रिवेंद्र ने कहा कि मैं लंबे समय से राजनीति में हूं। चार साल पार्टी ने मुख्यमंत्री पद पर रहकर जनता की सेवा करने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं मुख्यमंत्री बन सकता हूं। अब पार्टी ने फैसला लिया है कि सीएम के रूप में किसी दूसरे को सेवा करने का मौका दिया जाना चाहिए।
त्रिवेंद्र सिंह रावत का चेहरा काफी मुर्झाया हुआ था। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल के 4 साल पूरे होने में अभी 9 दिन का समय बाकी है। पत्रकारों ने सीएम पद से इस्तीफा देने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि इस सवाल के जवाब के लिए आपको दिल्ली जाना पड़ेगा।