किस्मत पर आप भरोसा करते हैं, अगर करते हैं तो पढ़िए एक मासूम की कहानी जिसे मां बाप ने बोझ समझ कर त्याग दिया था।
मामला पटना का है। चार साल पहले बख्तियारपुर स्टेशन से मिली लावारिस तीन वर्षीय बच्ची खुशी को इटली के एक दंपति ने गोद ले लिया। शुक्रवार को इटली के इलेक्ट्रिक ग्राफिक डिजाइनर कंप्यूटर इंजीनियर मिस्टनर लुका स्पांगनोली और शिक्षाविद मिसेज एलिजा स्टांगा ने सृजनी दतक संस्थान में आकर उसे गोद लिया। ये दंपती दानापुर के लेखानगर स्थित नारी गुंजन संस्था में संचालित संस्थान के कार्यालय आए और गोद लेने की औपचारिकताएं पूरी की।
इटली के दंपती ने बताया कि पहले से उनकी एक पुत्री लारा है। एक पुत्र समांगा को कंबोडिया से गोद लिया। अब खुशी दूसरी बेटी हो गई।
नारी गुंजन की सचिव पद्मश्री सुधा वर्गीज ने कहा कि 8 जुलाई 2017 को ये बच्ची बख्तियारपुर स्टेशन पर मिली थी।
स्टेशन पर भटकती मिली तीन वर्षीय खुशी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उसकी ऐसे बदलेगी। जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक दिलीप कुमार कामत, समन्वयक सविता कुमारी की उपस्थिति में इटली के दंपति को खुशी को सौंपा गया। दंपति ने खुशी व अपने परिवार के सदस्यों के साथ बनाई गई संक्षिप्त विवरण की पुस्तिका सुधा वर्गीज को दी। समन्वयक सविता ने बताया कि अबतक केन्द्र से स्पेन, अमेरिका, कनाडा, स्वीदडन, डेनमार्क बच्चे गए हैं, इटली में खुशी से पहले भी एक बच्ची जा चुकी है।