अफसरों के ढुल मुल रवैया को लेकर वक्त वक्त पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सख्ती देखने को मिलती है। मनमर्जी करने वाले कर्मचारी और अफसर सीधे सीएम की रडार पर रहते हैं, लेकिन इस बार मामला कुछ अलग है।
अब मामला एसडीएम पालमपुर धर्मेश रमोत्रा की ट्रांसफर का है। बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एक नेताजी का झूठ पकड़ने के बाद ट्रांसफर रद्द कर दी।
दरअसल पालमुपर के एक नेता की शिकायत पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एसडीएम पालमपुर धर्मेश रमोत्रा को तुरंत प्रभाव से 10 मार्च को काजा ट्रांसफर कर दिया था।
सूत्रों के मुताबिक एक नेता ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी कि पालमपुर में बीएस 4 वाहनों के पंजीकरण में हुई गड़बड़ में एसडीएम भी संदेह के घेरे में हैं। नगर निगम चुनाव में भाजपा को नुकसान हो सकता है।
ट्रांसफर आर्डर के अगले दिन ही एसडीएम धर्मेश अपने पद से रिलीव हो गए। सूत्रों के मुताबिक, जांच में पता चला कि उक्त नेता एसडीएम पर दवाब बना रहे थे कि नगर निगम पालमपुर के चुनाव को लेकर मतदाता सूची में उनके मुताबिक कुछ नाम जोड़े जाएं। जब SDM ने ये बात नहीं मानी तो उन्होंने सीएम से झूठी शिकायत कर दी।
अब मुख्यमंत्री ने नेताजी को सबक सिखाते हुए एसडीएम धर्मेश रमोत्रा की ट्रांसफर रद्द कर दी। यूं तो अफसरों की ट्रांसफर आम बात है, लेकिन धर्मेश की ट्रांसफर हिमाचल की राजनीति में काफी चर्चा में रही।