हमीरपुर। नादौन की ग्राम पंचायत भूंपल के कोहला फतेहपुर गांव में एक दादी और पोता खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। पहले पति और फिर बेटे और बहू के निधन के बाद अब परिवार में सिर्फ दादी और पोता ही बचे हैं। 80 वर्षीय दादी तारो देवी ही पोते का पालन पोषण कर रही है।
दादी और पोते के रहने का आखिरी आसरा सिर्फ घर ही था वो भी बारिश के कारण तीन पहले टूट गया। परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है। जैसे-तैसे दादी-पोते का गुजारा होता है। तारो देवी का कहना है कि वो अपने पोते के साथ अब गैरेज शेड के रहते हैं। ये शेड गाड़ियां पार्क करने के लिए बनाया गया है। आपको बता दें कि पोता ऋतिक दसवीं क्लास में पढ़ता है, लेकिन इन मुसीबतों की वजह से उसकी पढ़ाई में विघ्न पढ़ रहा है।
वहीं पंचायत प्रधान सुशील शीलू का कहना है कि इनका मकान कच्चा था, जो बारिश के कारण गिर गया। पंचायत ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवार का नाम बजट स्वीकृति के लिए भेजा है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं एसडीएम नादौन विजय कुमार का कहना है कि इस बारे में जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। अगर सूचना सही पाई जाती है तो बीडीओ को फौरन आगामी कार्रवाई के लिए निर्देश दिए जाएंगे।