शिमला। हिमाचल में सोमवार से करीब 1000 रूटों पर हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसें चलाने की तैयारी है। सवारियों का रिस्पांस देखकर एचआरटीसी बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के भीतर बसें चलाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए चालकों-परिचालकों से रविवार तक डिपो या अड्डा में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
सोमवार सुबह से 24 घंटे निगम की बसें सड़कों पर दौड़ेंगी। 50 फीसदी ऑक्यूपेंसी के साथ हिमाचल में बसें
चलेंगी। बसों में सवारियों की ऑक्यूपेंसी जांचने के लिए इंस्पेक्टर फील्ड में
सेवाएं देंगे। बसों में मास्क पहनना अनिवार्य किया है। सवारियों के पास सैनिटाइजर
होना जरूरी है। अगर निजी ऑपरेटरों की सहमति नहीं बनी तो एचआरटीसी बसों की संख्या
बढ़ाई जाएगी। प्रदेश में चलाए जाने वाले रूटों के हिसाब से चालकों-परिचालकों की
रोटेशन में ड्यूटियां लगाई जाएंगी।
परिवहन निगम के जीएम पंकज
सिंघल ने बताया कि सभी आरएम से फायदे वाले रूटों पर बसें चलाने के लिए कहा गया है।
सवारियों की संख्या बढ़ने के साथ बसें भी बढ़ाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि निजी
ऑपरेटरों ने बसें नहीं चलाई तो निगम की और बसें चलाई जाएंगी।
वहीं इस पर परिवहन मंत्री
बिक्रम ठाकुर ने बताया कि सोमवार से परिवहन सेवाएं शुरू की जा रही हैं। बाहरी
राज्यों के लिए अभी बसें नहीं चलेंगी। परिवहन निगम पर कोरोना की बंदिशें लागू नहीं
रहेंगी।
कहां, कितने रूटों पर चलेंगी बसें
शिमला में 225, मंडी 229 कांगड़ा 165, ऊना 25, सोलन 90, सिरमौर 80, बिलासपुर 30, कुल्लू 40, हमीरपुर 33,
चंबा 40, किन्नौर 28 और लाहौल स्पीति
में 19 रूटों पर बसें चलाई
जाएंगी।
हिमाचल निजी बस ऑपरेटर
संघ की बसों को चलाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। कुछ ऑपरेटर बसें चलाने के हक
में हैं तो कई बसें न चलाने पर अड़े हैं। ऑपरेटरों का कहना है कि 50 फीसदी पथकर और टोकन टैक्स माफ किया है। ऑपरेटर
सौ फीसदी टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं। शनिवार को आयोजित बैठक में इस बारे
में कोई निर्णय नहीं हो पाया। हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ की बैठक शनिवार को
अध्यक्ष राजेश पराशर की अध्यक्षता में हुई। इसमें सभी जिलों की यूनियन ने भाग
लिया। यूनियन के महासचिव रमेश कवल ने बताया कि बैठक में सभी जिला की यूनियन ने
कैबिनेट में हुए फैसले पर नाराजगी जताई है। इस कारण बसें चलाने पर कोई निर्णय नहीं
हो पाया है। अब सभी जिलों की यूनियन आपस में तय कर लें कि 14 जून से बसें चलानी है या नहीं। इसके बाद 13 जून को 3 बजे वर्चुअल माध्यम से एक और बैठक आयोजित की जाएगी।
इसमें सभी जिलों की यूनियन की राय ली जाएगी और आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। ऊना में 13 को
निजी बसों के संचालन पर फैसला
निजी बस ऑपरेटर अनदेखी के चलते प्रदेश सरकार से
खफा हैं। हड़ताल में चल रहे निजी बस ऑपरेटर सोमवार से बसों के संचालन को लेकर कोई
फैसला अभी तक नहीं ले पाए हैं।