शिमला। जिले के ठियोग उपमंडल में नेपाल मूल के एक व्यक्ति के कथित तौर पर हत्या मामले में अब नया मोड़ आया है। हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपी की बेटियां मीडिया के सामने आईं और पुलिस पर उनके पिता को झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया।
गुरुवार को शिमला में दोनों बेटियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बिना किसी सुबूत के उनके पिता को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि घटना मई महीने की है। मृतक उनके पास 20-25 दिन रहा। मृतक के पास खाने-पीने के लिए कुछ नहीं था तो उनके पिता और उन्होंने उसकी मदद की थी। जब तक वो रहा उसे खाना दिया गया। उन्होंने बताया कि मृतक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, कभी भी किसी पर हमला कर देता था।
मामले में आरोपी की बेटी सरिता शर्मा ने कहा कि उसे बुखार आया था तो उसके पिता दवाई लेकर आए थे। बीमार होने के तीन-चार दिन बाद उसकी मौत हो गई। वो कौन था और कहां से आया था, इसकी कोई जानकारी नहीं थी। लॉकडाउन के चलते सबकुछ बंद था तो ऐसे में उन्होंने कुछ लोगों की मदद से उसका अंतिम संस्कार कर दिया। सरिता बताती हैं कि करीब डेढ़ महीने बाद 14 जून को पुलिस आई और उनके वर्कर को बिना किसी नोटिस और एफआईआर के ले गई और जांच के नाम पर थाने लेकर गए। उनके पिता को छोड़ वर्करों की तीन दिन उनकी पिटाई की गई और बीते कल एफआईआर दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि जांच के नाम पर पुलिस उनके पिता और वर्करों के साथ ज्यादती कर रही है।
उन्होंने कहा कि इंसाफ के लिए एसपी और डीजीपी के पास भी जाएंगे और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे। इस मामले पर ठियोग के डीएसपी कुलविंद्र सिंह ने कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। पुलिस निष्पक्षता से जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार नेपाल
मूल के व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या की गई है और सुबूत मिटाने के लिए शव को जंगल
में जला दिया गया था। पिटाई के बाद नेपाली दो दिन तक तड़पता रहा और उसकी मौत हो गई।
पुलिस और फॉरेंसिंक टीम ने सुबूत जुटाए हैं और जांच जारी है।