शिमला। आखिरकार गुड़िया को इंसाफ मिल ही गया। शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायालय ने अनिल कुमार उर्फ नीलू को नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
कोर्ट में क्या हुआ?
जिला न्यायाधीश राजीव
भारद्वाज की विशेष अदालत ने दोषी करार अनिल कुमार उर्फ नीलू उर्फ कमलेश को नाबालिग
से दुष्कर्म और हत्या की धाराओं के तहत आजीवन आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
Himachal Pradesh | A Shimla court sentences the 28-year-old convict to life imprisonment in the case of rape and murder of a 16-year minor in the Kotkhai area of Shimla district.
— ANI (@ANI) June 18, 2021
मामले की जांच कर रही
सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट के तथ्यों को आधार मानते हुए अदालत ने दोषी को
नाबालिग से दुष्कर्म के जुर्म में मरते दम तक आजीवन कारावास और हत्या मामले में
आजीवन कारावास सहित दस हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने की सूरत में
दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारावास काटना होगा।
अदालत ने सरकार द्वारा
नीलू को मुहैया करवाए वकील महेंद्र ठाकुर ने नीलू के बचाव पक्ष में केस की पैरवी
की। वहीं, सीबीआई की ओर से अधिवक्ता
अमित जिंदाल ने मामले की पैरवी की। अदालत में 29 मई, 2018 को इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई शुरू हुई थी।
सीबीआई ने 13 अप्रैल को
नीलू को हाटकोटी शिमला से गिरफ्तार किया था। नीलू के खिलाफ 29 मई, 2018 को अदालत में चार्जशीट दर्ज की गई थी।
तीन साल तक चली सुनवाई
में सीबीआई ने कुल 55 गवाह पेश किए। बचाव पक्ष में दोषी की ओर से सिर्फ एक गवाह
पेश हुआ।
बयानों के आधार पर अदालत
अंतिम फैसले पर पहुंची। पूरे मामले में आरोपी के खिलाफ परिस्थितिजनक साक्ष्य को ही
आधार माना गया है, चूंकि आरोपी को
डीएनए सैंपलिंग के आधार पर सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
हाईकोर्ट जाऊंगा-
दोषी नीलू
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अदालत का फैसला आने के बाद कहा कि फैसले के खिलाफ वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। उनका कहना है कि मामले में अनिल कुमार के खिलाफ जांच एजेंसी ने सिर्फ परिस्थितिजनक साक्ष्यों के आधार सजा सुनाई है, जबकि दोषी के खिलाफ जांच एजेंसी उसके मौका-ए-वारदात पर मौजूदगी को लेकर कोई ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर पाई है।
कौन थी गुड़िया, क्या हुआ
था 2017 में ?
6 जुलाई 2017 : कोटखाई के जंगल में गुड़िया का मिला शव
7 जुलाई : पोस्टमार्टम
रिपोर्ट से दुष्कर्म का खुलासा
10 जुलाई : सरकार
ने एसआईटी की गठित
11 जुलाई : पीड़ित
परिवार को पांच लाख मुआवजा
12 जुलाई: सीएम के
फेसबुक पेज पर कुछ को आरोपी बता फोटो की वायरल
13 जुलाई : एसआईटी
ने 6 लोग गिरफ्तार किए
14 जुलाई : ठियोग
थाने पर पथराव, सीबीआई जांच की
संस्तुति
17 जुलाई : राजभवन
पहुंची भाजपा ने सरकार की बर्खास्तगी की मांग उठाई
18 जुलाई : सरकार
का हाईकोर्ट में सीबीआई जांच शुरू करने के लिए आवेदन
19 जुलाई : कोटखाई
थाने में एक आरोपी की पुलिस हिरासत में हत्या
23 जुलाई : सीबीआई
ने दर्ज किए दो मामले
24 जुलाई : सीबीआई
पहुंची शिमला, जांच शुरू
02 अगस्त: हाईकोर्ट
में पुलिस ने सौंपी स्टेटस रिपोर्ट
03 अगस्त : कस्टडी
में मौत पर पुलिस अफसरों से पूछताछ
14 अगस्त : कोटखाई
थाने में तैनात संतरी के बयान
17 अगस्त : सीबीआई
को हाईकोर्ट की फटकार, मांगा दो सप्ताह
का समय
21 अगस्त : कई रईसजादों
के घरों पर सीबीआई के छापे
29 अगस्त : सीबीआई
ने आईजी समेत आठ पुलिस वाले गिरफ्तार किए
25 नवंबर: गिरफ्तार
पुलिस अफसरों के खिलाफ चार्जशीट
29 मार्च 2018:
हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश कर 25 अप्रैल तक मामला सुलझाने का दावा
अप्रैल 2018: सीबीआई ने चिरानी अनिल उर्फ नीलू को गिरफ्तार
किया
28 अप्रैल 2021:
शिमला की विशेष अदालत ने आरोपी नीलू को दोषी
करार दिया
15 जून 2021:
अनिल उर्फ नीलू की सजा पर दोनों पक्षों के बीच
सजा पर बहस की प्रक्रिया पूरी हुई