शिमला। रोहड़ू के लोअरकोटि पंचायत के सिद्धरोटी गांव के लिए बड़ा ही ऐतिहासिक दिन था जब सिद्धरोटी की बेटी ने ना केवल अपने माता-पिता का बल्कि पूरे सिद्धरोटी गाँव का या यूँ कहे कि पूरी लोअरकोटि पंचायत का मान पूरे हिमाचल में बढ़ाया।
बात करते हैं इस बार के पंचायत चुनाव की और अति दुर्गम क्षेत्र शिमला ज़िला के रोहड़ू की जहां विकास के नाम पर आज भी बहुत कुछ करने को है लेकिन यहाँ की साक्षरता दर बहुत ज़्यादा ना होने के कारण और यहाँ के अधिकतर युवा शिमला या शिमला के बाहर रहने के कारण यहाँ का विकास मानो थम सा गया था लेकिन इस बार ना केवल रोहड़ू बल्कि पूरे हिमाचल में जिस तरह युवाओं ने इस पंचायत चुनाव में पूरी सक्रियता दिखाते हुए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है लगता है अब युवा निकल चुका है गाँव का कायाकल्प करने।
इसी कड़ी में रोहड़ू के लोअरकोटि पंचायत के सिद्धरोटी गाँव के दया नंद चौहान की 22 वर्षीय होनहार बेटी अवंतिका चौहान की जो कि दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक की शिक्षा प्राप्त कर एवं IGNOU से ग्रामीण विकास में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर यूपीएससी की तैयारी कर रही थी और बेटी अवंतिका को गाँव के लोगों की समस्याएँ देख दिल में गाँव की सूरत बदलने की इच्छा जागी और अवंतिका ने 22 साल की उम्र में पंचायत चुनाव लड़ कर समाज सेवा की राह चुन ली जिसमें उसे परिवार सहित पूरे गाँव एवं पूरी पंचायत ने भारी जन समर्थन दे कर अपनी पलकों पर बिठा लिया।
अवंतिका पहले चरण के मतदान में रोहड़ू के लोअरकोटि पंचायत से प्रदेश की सबसे ज़्यादा पढ़ी लिखी युवा प्रधान बनी है। सिद्धरोटी गाँव में स्थित अवंतिका के घर पर पूरी पंचायत के सभी लोगों सहित अन्य गणमान्यों के लिए सहभोज आयोजित किया गया था इस अवसर पर पूर्व पंचायत के प्रधान,उपप्रधान एवं पूर्व में चयनित प्रतिनिधियों का विदाई सामारोह भी आयोजित किया गया जो कि लोकतंत्र की एक नयी परम्परा के अनुसार युवा सोच को प्रदर्शित करने का क़ाबिले तारीफ़ कदम है।
“सबका साथ सबका विकास एवं सबका विश्वास” वास्तव में यही मंत्र है जीवन में आगे बढ़ने का जो लोग इस सचाई का अनुसरण अपने जीवन में सही समय पर कर लेते है वो अक्सर सफलता के मार्ग पर अग्रसर हो जाते है। कुछ ऐसे ही मज़बूत इरादों से भरी पड़ी है अवंतिका।
अब देखना होगा कि 22 साल की अवंतिका जनता को साथ ले कर अपने अनुभव एवं युवा जोश से लोअरकोटि पंचायत को विकास के किस नए मुक़ाम पर ले कर जाती है।