जिस मां ने 42 साल पहले बच्चे की किलकारियां सुनी हों वो आज रात-रात भर उसकी चीखें सुनती है। जिसके खुशहाल जीवन की मां दुआएं मांगती थी, आज मां के सामने वो बेटा रोता हुआ मौत मांगता है। ये कहानी ऊना के अशोक की है जिसकी सांसें तो चल रही हैं पर शरीर नहीं।
तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। कुटलैहड़ विधानसभा के गांव स्कोन के रहने वाले अशोक का एक पैर कट चुका है और दूसरा पूरी तरह गल सड़ चुका है। हाथ भी गलने लग पड़ रहा है। अशोक पिछले एक साल से बिस्तर पर पड़े हैं और चलने फिरने में असमर्थ हैं। एक साल से मां भी अशोक का मल-मूत्र साफ कर रही है।
लाइव टाइम्स टीवी से बातचीत में अशोक ने बताया कि वो होशियारपुर में कहीं काम करता था। वहां पर उसे चोट लगी और हाथ पर काला दाग पड़ गया। उसके बाद हाथ एक उंगली खराब हुई जिसे ऑपरेशन कर काटना पड़ा। बाद में एक पैर खराब हो गया। डॉक्टर्स की सलाह पर पैर भी काट दिया। अब दूसरा पैर भी गल-सड़ रहा है, लेकिन परिवार की हालत इतनी खराब है कि इलाज के लिए एक रुपया भी नहीं है।
अशोक ने बताया कि वो अस्पताल में पहले 17 दिन भर्ती रहे और फिर 28 दिन तक, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अस्पताल में उनकी केयर भी नहीं हुई। 42 वर्षीय अशोक चलने फिरने में पूरी तरह असमर्थ हैं। मल-मूत्र भी बिस्तर पर ही करते हैं और मां ही उनकी देखभाल करती है।
अशोक कहते हैं कि उन्हें भूख-प्यास नहीं लगती। दर्द से जान निकलने लग पड़ती है। वो सबसे एक ही गुजारिश करते हैं कि कोई उनका इलाज करवा दो। कोई उनका पैर कटवा दो ताकि वो ठीक हो जाएं क्योंकि वो जीना चाहते हैं।
अशोक की शादी भी हुई थी, लेकिन सात जन्मों का साथ निभाने वाली इस मुश्किल घड़ी में उसका साथ छोड़कर चली गई। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए मांग की। एंबुलेंस भी आई, लेकिन वारिस न होने की वजह से एंबुलेंस खाली चली गई। डॉक्टर्स ने टांग काटने का खर्च 20 हजार रुपये बताया है, लेकिन पैसों के अभाव में इलाज नहीं हो पा रहा है।
अशोक ने बताया कि उसने कई बार रक्त दान कर लोगों की जान बचाई है, लेकिन आज स्थिति ऐसी है कि खुद की जान बचाने के लिए कुछ नहीं कर पा रहा हूं और न ही कोई मदद कर रहा है। आपको बता दें कि कुटलैहड़ विधानसभा से भाजपा विधायक वीरेंद्र कंवर इस समय जयराम सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री हैं।