नई दिल्ली। दो महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है किसान आंदोलन को, लेकिन अभी तक किसानों की समस्या का समाधान नहीं निकला है। 1 फरवरी को जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि को लेकर बजट की घोषणा शुरू की तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। 2 फरवरी को भी बिल्कुल वैसा ही हुआ। राज्यसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
दिल्ली को चारों तरफ से किसानों ने घेरा हुआ है। सोनीपत बॉर्डर,
चिल्ला बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर पर हजारों टैक्टर ट्रॉलियां खड़ी
हैं। दो महीने से किसान एक ही मांग पर अड़े हैं कि कृषि बिल वापस लिए जाएं। इसे
लेकर 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में कुछ शरारती तत्वों ने बवाल भी किया।
कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को खदेड़ने के लिए और आंदोलन
को कुचलने के लिए सरकार ने पुलिस भेजी, इंटरनेट सेवाएं भी बंद करवाईं, लेकिन इससे
किसान आंदोलन और मजबूत हो गया। अब हालात ये हैं कि गाजीपुर बॉर्डर पर पहले 100-200
किसान होते थे अब वहां पर 50-60 हजार किसान डेरा डाले हुए है।
2 फरवरी को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने कृषि बिल और
किसान आंदोलन को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस समते कई विपक्ष दलों ने कृषि
बिल पर चर्चा के लिए नोटिस दिया, लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने विपक्ष की इस
मांग को खारिज कर दिया। विपक्ष इस मुद्दे पर आज ही चर्चा चाहता था, लेकिन वेंकैया
ने कहा कि इस पर कल चर्चा होगी। इस बात पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। वापस
सदन में लौटे विपक्षी सदस्यों ने किसानों के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया और
नारेबाजी की। हंगामा बढ़ता देख सभापति ने
सदन की कार्यवाही 10.30 बजे तक स्थगित कर
दी। सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई थी तो विपक्ष ने हंगामा किया इसके बाद
कार्यवाही 11.30 बजे तक स्थगित कर दी गई। कांग्रेस समेत विपक्ष
के सदस्य नारेबाजी करते हुए कह रहे हैं कि किसान विरोधी काले कानून वापस लो।
आपको बता दें कि 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि के
लिए क्या दिया, ये आज चर्चा का विषय बना हुआ है। निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण ने
किसानों के लिए कहा कि, सरकार का लक्ष्य किसानों का आय दोगुना करना है। 6 साल में
एमएसपी यानि मिनमम स्पोर्ट प्राइज डेढ़ गुना बढ़ा दिया गया है। इस पर भी विपक्ष ने
हंगामा किया।
किसानों के सबसे बड़ी चिंता की बात मंडिया खत्म होने की है, लेकिन
वित्त मंत्री के बजट भाषण में इसे लेकर कोई बात नहीं की गई। हालांकि उन्होंने APMC को लेकर जरूर बात
की। उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी की मंडियों के लिए अब
एग्रीकल्चर इन्फ्रांस्ट्रक्चर फंड भी उपलब्ध होगा ताकि सुविधाएं बढ़ाई जा सकें।
बजट में इस बार एग्रीकल्चर क्रेडिट टारगेट 16.5 लाख करोड़ रुपये रखा गया है।
बजट पेश होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया का
इंतजार पूरा देश कर रहा था। पीएम ने कहा ऐसे बजट बहुत कम होते हैं जिनमें
सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आएं। पीएम ने कहा हमने ट्रांसपेरेंट बजट पर फोकस किया।
अगर बजट पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया न आए तो मजा ही नहीं आएगा।
राहुल गांधी की भी चटखारे लेते हुए प्रतिक्रिया आई। राहुल ने कहा, ये सरकार गरीबों
के हाथ में पैसा देना भूल गई। सरकार चाहती है कि देश की संपत्ति उसके पूंजीपती
दोस्तों के हाथ में चली जाए।
अब आपको बताते हैं कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने क्या कहा,
उन्होंने तो सीधे ही कह दिया कि निर्मला सीतारमण ने देश को करोड़ों लोगों के साथ
धोखा किया है। इससे पहले इतना निराशाजनक बजट कभी नहीं देखा।
हालांकि बजट की कुछ अच्छी बातें भी हैं जैसे, प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर
स्वस्थ भारत योजना, सरकार को कोरोड़ों लोगों के स्वास्थ्य की कितनी चिंता है ये
बात से दर्शाता है कि सरकार ने हेल्थ सेक्टर के बजट को 94 करोड़ से बढ़ाकर 2 लाख
23 हजार करोड़ कर दिया। यानि 137 प्रतिशत की वृद्धि। इस योजना के तहत देश के 70
हजार गांवों में वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे। ये अच्छी बात है। आपको बता दें कि देश
की 60 प्रतिशत आबादी गांव में रहती है।
दूसरी अच्छी बात है जो सरकार ने रेल, सड़क, बस और मेट्रो पर फोकस किया
है। ये चारों चीजें समाज की जरूरत हैं। शहरी क्षेत्रों में 20 हजार नई बसें चलाई
जाएंगी। टीयर-2 शहरों में लाइट मेट्रो और नियो मेट्रो चलाई जाएंगी। 8500 किलोमीटर
के रोड प्रोजेक्ट शुरू होंगे।
तीसरी बात है कि इनकम टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, लेकिन मिडल
क्लास ये उम्मीद कर रहा था कि सरकार इनकम टैक्स में थोड़ी और राहत देगी। बहरहाल
ऐसा कुछ ही नहीं हुआ। ये तो टैक्स बढ़ा और न ही घटा।
सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर फोकस कर रही है। सरकार ने
सोना-चांदी पर कस्टम ड्यूटी को 12.5 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है।
हालांकि सरकार ने 2.5 प्रतिशत का अतिरिक्त कर भी लगाया है, लेकिन भी सोना-चांदी
पहले की तुलना में काफी सस्ता होगा। मोटा
मोटा देखें मिडल क्लास को कुछ नहीं मिला है।