मुंबई की ये कहानी आपके दिल को छू जाएगी। पैसों की तंगी आपकी कामयाबी के रास्ते में कुछ मुश्किलें जरूर पैदा कर सकती हैं, लेकिन अगर आपका हौसला मजबूत है तो आपको हरा नहीं सकती। ये कहानी भी कुछ ऐसी है।
देसराज मुंबई में ऑटो चलाते हैं और उन्होंने पोती को पढ़ाने के लिए अपना घर बेच दिया। अब वो ऑटो में सोते हैं और ऑटो ही उनका घर है। देसराज का इंटरव्यू ह्यूमन्स ऑउ बॉम्बे ने छापा है। इसके बाद उनकी कहानी सोशल मीडिया में वायरल हो गई। देश भर के लोग मदद करना चाहते हैं।
देसराज ने बताया कि 6 साल पहले उनका बेटा लापता हो गया और दूसरे बेटे की मौत हो गई है। घर की सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। घर में दो बहुएं और चार पोते-पोतियों के खाने-पीने रहने की जिम्मेदारी उनके कंधे पर आ गई। दिनभर ऑटो चलाने के बाद भी वो महीने का 10 हजार से ज्यादा नहीं कमा पाते हैं। 6 हजार रुपये तो बच्चों की फीस ही है और बाकी बचे पैसों से घर का खर्च चलाते हैं।
देसराज ने बताया कि कई बार तो पूरा परिवार भूखा सोता है, लेकिन परवाह नहीं क्योंकि पोती ने 12वीं में 80 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। जिस दिन पोती का रिजल्ट आया तो पूरे दिन लोगों को फ्री में घुमाया।
देसराज ने बताया कि पोती दिल्ली से पढ़ाई करना चाहती थी। इसके लिए उन्होंने अपना मुंबई वाला घर बेच दिया और पत्नी, बहुत बाकी पोते-पोतियों को दिल्ली भेज दिया और खुद मुंबई रुक गए। पोती अब दिल्ली में पढ़ाई कर रही है। देसराज एक साल से ऑटो में सोते हैं, ऑटो में खाते हैं और दिन में लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाते हैं।
रोते हुए देसराज ने बताया कि उस समय बहुत खुशी होती है जब पोती फोन कर बताती है कि वो अपनी क्लास में फर्स्ट आई है। उन्होंने कहा कि मुझे उस दिन का इंतजार है जब पोती शिक्षक बनेगी। वह परिवार की पहली ग्रेजुएट होगी।
सोशल मीडिया पर उनकी कहानी पढ़ने के लिए हर कोई भावुक है। लोग कई-कई बार कमेंट कर उनकी मदद करने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। कई बड़े लोगों ने भी उनकी इस कहानी को शेयर किया है।