मंडी। हिमाचल के कर्मचारियों और पेंशन धारकों को बीते तीन सालों में 2402 करोड़ रुपये वित्तिय लाभ मिले हैं। इतना ही नहीं जयराम सरकार ने नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट और मृत्यु ग्रेच्यूटी में भी वृद्धि की है। जो साल 2003 से 2017 तक रिटायर हुए या फिर उनकी मृत्यु हो गई है उन्हें लगभग 110 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है। ये बातें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी के नेरचौक में लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के परिसर में हिमाचल प्रदेश गैर-राजपत्रित कर्मचारी फेडरेशन द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहीं।
सीएम ने कहा कि वित्तीय बाध्यता और कोविड महामारी के कारण लॉकडाउन
के बावजूद प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों को समय-समय पर सभी वित्तीय लाभ दिए। प्रदेश
सरकार ने नई पेंशन योजना के अंतर्गत मूल वेतन, महंगाई भत्ता और एनपीए का राज्य हिस्सा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का निर्णय लिया। इससे राज्य सरकार के लगभग 80 हजार कर्मचारियों को 250 करोड़ रुपये का अतिरक्त लाभ मिलेगा। सीएम ने कहा कि हमें आशा है कि कर्मचारी
सरकार के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध कायम रखेंगे और राज्य के विकास के लिए अपने
बहुमूल्य सुझाव देते रहेंगे, जिससे हिमाचल प्रदेश को अन्य राज्यों के लिए एक
आदर्श बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने हाल ही में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 50,192 करोड़ रुपये का राज्य
बजट पेश किया। जिसमें से 20 हजार करोड़ रुपये राज्य सरकार के कर्मचारियों और
पेंशनरों के वेतन और पेंशन पर व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान
सराहनीय भूमिका निभाने के लिए कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि
राज्य सरकार ने इस दौरान यह सुनिश्चित किया कि कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और
पेंशन में कोई कटौती न की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि वेतन के मामले में हिमाचल प्रदेश
पंजाब का अनुसरण करता है और पंजाब ने नए वेतन आयोग को लागू करने का फैसला किया है, इसलिए राज्य सरकार
वेतन आयोग को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन
दिया कि उनकी सभी जायज मांगे शीघ्र पूरी की जाएंगी। उन्होंने कर्मचारियों को
आश्वासन दिया कि संयुक्त समन्वय समिति की बैठक शीघ्र बुलाई जाएगी और कर्मचारियों
की मांगों का समाधान किया जाएगा।