हिमाचल में कोरोना में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया अब उनका सहारा जयराम सरकार बनी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी से न केवल वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है, बल्कि बहुत से बच्चे अनाथ हुए हैं। प्रदेश सरकार अनाथ बच्चों के अलावा अन्य बच्चे, जो संकट में हैं, सभी की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।
सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार किसी अन्य परिवार के साथ रह रहे 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों की देखरेख के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह देगी। उन्होंने कहा कि जो बच्चे
शिशु देखभाल केन्द्रों में नामांकित हैं और कोविड महामारी के दौरान स्कूल बंद होने
के कारण, जिन्हें अस्थायी रूप से उनके परिवारों के पास भेज दिया गया है उन्हें ऑनलाइन शिक्षा जारी रखने में सक्षम बनाने के लिए 2000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। इस योजना के तहत वर्तमान में 598 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहले से ही बच्चों की
देखभाल और सुरक्षा के लिए राज्य में कई योजनाएं चलाई हुई हैं। उन्होंने कहा कि मदर
टेरेसा आश्रय मातृ संबल योजना के अन्तर्गत विधवाओं को दो बच्चों के भरण-पोषण के
लिए 18 वर्ष की आयु तक प्रति वर्ष 6000 रुपये प्रति बच्चे की आर्थिक सहायता दी जा रही
है। जिन परिवारों की वार्षिक आय 35000 रुपये से अधिक नहीं है, उन्हें भी इस योजना के अन्तर्गत लाया गया है।
कोरोना महामारी के कारण कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया है, उन्हें सहारा देने के लिए हमारी सरकार प्रयासरत है।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) May 18, 2021
ऐसे बच्चों को हमारी सरकार आश्रय उपलब्ध करवाएगी तथा 18 वर्ष की आयु तक 2500 रुपए प्रतिमाह प्रदान करेगी।
इस संबंध में हमने अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। pic.twitter.com/a03tZZGVO6