कोरोना महामारी में जो भी बीमार पड़ रहा है वो जरूरतमंद है। इस मुश्किल दौर में अगर कोई किसी की मदद के लिए आगे आ रहा है तो वो किसी देवदूत से कम नहीं है। कई समाजिक संस्थाओं, उद्योगपतियों, नामी हस्तियों के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन आज आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने कोरोना महामारी में सैकड़ों लोगों की जान बचाई।
हिमाचल प्रदेश के शाहपुर के
कार्निक उपाध्याय कोरोना काल में दिन रात लोगों की मदद में लगे हुए हैं। उन्होंने
अपनी गाड़ी को एंबुलेंस बना दिया है। जब भी उन्हें मदद के लिए किसी का फोन आता है
तो फौरन उनकी गाड़ी मदद के लिए पहुंच जाती है। उनके इस सेवा भाव के प्रति कई लोगों
ने सोशल मीडिया में अपने अनुभव साझा किए हैं।
कोरोना संक्रमित मरीज़ों की मदद के लिये आज से अपनी निजी गाड़ी 24X7 कोरोना महामारी में जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए चलाऊँगा।
— karnik Upadhyay 🇮🇳 (@karnikUpadhyay) May 7, 2021
जिन मरीज़ों को शाहपुर के आस पास के लगते क्षेत्र में समय पर एंबुलेंस नहीं मिल रही उनको हमारे बताये नम्बर में सूचना देनी होगी।#Himachal #CoronaPandemic pic.twitter.com/AdK2jDYfl1
जीवनरथ: संकटकाल में राहत यात्रा जारी रहेगी...
— karnik Upadhyay 🇮🇳 (@karnikUpadhyay) May 8, 2021
जिन मरीज़ों को शाहपुर के आस पास के लगते क्षेत्र में समय पर एंबुलेंस नहीं मिल रही उनको हमारे बताये नम्बर
9736700005 में सूचना देनी होगी।#Himachal #CoronaPandemic #Freeambulance #Service pic.twitter.com/Jn87JD3dFx
नूरपुर के स्वर्ण राणा ने साझा
किया अपना अनुभव
“कहते
है कि पुण्य करो और नदी में डालो।मतलब अगर आप किसी का भला करते हो तो उसका बखान
नही होना चाहिए।लेकिन अगर उसका बखान करने से किसी को प्रेरणा मिले तो मेरे विचार
से उस पुनीत कार्य का जोर शोर से बखान होना चाहिए, उस
नेक काम को सराहा जाना चाहिए जिससे दूसरा भी प्रेरणा ले सके।दोस्तो किसी के भले
काम की उपयोगिता तब तक महसूस नही होती जब तक आपका उससे वास्ता ना पड़े। ऐसा ही मेरा
कुछ निजी अनुभव रहा जो मैं आपसे सांझा करना चाहता हूं।दुर्भाग्य से मेरे सगे मामा
और मामी जी कॅरोना संक्रमित हो गए ।हालत इतनी बदतर हो गई जिसे बयान नहीं किया जा
सकता।यह महामारी ही ऐसी है जो हर किसी को लाचार बना देती है और इंसान चाहकर भी
अपने सगे संबंधियों को उस तरह से सहयोग नहीं कर सकता जिस तरह वो करना चाहता है।वो
चाहकर भी पंगु बन जाता है,बेबस बन जाता है।ख़ैर,मामा
और मामी जी की हालत बिगड़ने का दोषी मैं उनको कम मानता हूं और उस रेपिट टेस्ट को
ज्यादा मानता हूँ जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई और रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद इस
महामारी से यह परिवार निश्चिंत हो गया और बाद में स्थिति इतनी बिगड़ी गई कि सब कुछ
हाथों से निकलता नजर आया।बरहलाल 108
एम्बुलेंस से मामा जी को शाहपुर
ले जाया गया वहां से उन्हें टांडा रेफर करने की बात कही गई।अब शाहपुर से टांडा
जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं थी और जब 108 को
फोन किया गया तो ड़ेढ घण्टे का समय दिया गया।एक।इंसान जो जिंदगी और मौत के बीच झूल
रहा है जिसके लिए एक एक पल भारी पड़ रहा हो वो ऐसी स्थिति में क्या करे,वो
डेढ़ घण्टा कैसे इंतजार कर।खैर मेरे दूसरे मामा जी के लड़के से जब मामले का पता चला
तो थोड़ी देर तक मैं भी सोचता रहा कि क्या करूँ??किसको
बोलू?फिर
मुंझे एक ऐसे इंसान का ख्याल आया जिसके बारे में कम से कम मेरी फ्रेंडलिस्ट में
शायद ही ऐसा हो जो उनसे अनजान हो।वो है शाहपुर विधानसभा से कार्निक उपाध्याय।फिर
क्या था??फोन
किया और दूसरी घण्टी भी नहीं बजी कि फोन उठा लिया गया।इसलिए नहीं उठाया गया कि
उनके पास कोई मेरा नम्बर सेव है बल्कि यह उनके किए जा रहे सेवा भाव का ही परिणाम
था जो दूसरी से तीसरी घण्टी नहीं बजी।फोन करने पर जब अपना परिचय दिया तो उन्होंने
एकदम से पहचान लिया।कारण यही है कि उनका नूरपुर आगमन प्रायः होता है इसलिए मेरे
बड़े अच्छे परिचित है।जब उन्हें मैंने अपनी समस्या बताई कि मामा जी शाहपुर अस्पताल
में है और जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे है लेकिन एम्बुलेंस उपलब्ध नही है तो दोस्तो पांच
मिनट के अंदर उन्होंने अपनी निजि गाड़ी जो आजकल कोविड सर्विस में लगाई है उसे भेजा
और मेरे मामा जी जो एक एक सांस के लिए जद्दोजहद कर रहे थे उन्हें टांडा
पहुंचाया।मै यह नहीं जानता कि मामा जी जिंदगी की जंग को जीत पाएंगे या नही लेकिन
हां मैं इस शख्स को बारम्बार दिल से आभार करता हूँ जो हमारे उस वक्त काम आया जब
हमें उनकी सख्त जरूरत थी।मैं जानता हूँ दोस्तो वो
राजनीतिक परिदृश्य से आते है।उनके राजीनीतिक विरोधी उनकी इस एम्बुलेंस सेवा को
राजनीतिक स्टंट भी बता सकते है।लेकिन अगर किसी इंसान के लिए कोई मुसीबत के समय
फरिश्ता बनकर आये तो मैं चाहूंगा कि हर राजनेता ऐसे ही स्टंट खेले ताकि आम जनता का
भला हो।मैं उस भगवान से प्रार्थना भी करूंगा कि ऐसे परोपकारी राजनेताओं पर जरूर
कृपा करें ताकि अगर यह अपने निजी संसाधनों से जनता का भला कर सकते है तो अगर यह
शासन का अंग बन जाएं तो शायद और ज्यादा समाज की बेहतरी में अपना सहयोग दे
पाएं।क्योंकि आपने कम से कम इतना एहसास तो करा दिया कि आप कोमल ह्रदय स्वामी भी है
और ऐसा इंसान आम इंसान की बेबसी और लाचारी को अच्छी तरह समझ सकता है। आपका दिल से
आभार कार्निक भाई”
कार्निक उपाध्याय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सूचना एंव संपर्क के लिए
मोबाइल नंबर शेयर किया है। जरूरतमंद 9736700005 पर कॉल कर सकते हैं। आपको बता दें कि कार्निक उपाध्याय भाजपा युवा नेता हैं।
कोरोना संक्रमित मरीज़ों के लिए हमारी निशुल्क ऐम्ब्युलन्स सेवा “karnik 24X7” दिन रात इस महामारी में मरीज़ों को Covid Care सेंटर पहुँचाने में प्रयासरत है । #HimachalPradesh #CoronaPandemic #Freeambulance pic.twitter.com/zVoUcJxWej
— karnik Upadhyay 🇮🇳 (@karnikUpadhyay) May 10, 2021