कुल्लू। हिमाचल देश का ऐसा पहला राज्य बन गया जहां 18 साल से ऊपर सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम जयराम और हिमाचलवासियों को बधाई दी।
हिमाचल में 18 साल से ऊपर
के लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज 100 प्रतिशत लगाई जा चुकी है। मुख्यमंत्री
जयराम ठाकुर ने मनाली में जनसभा को संबोधित करते हुए इस बात की जानकारी दी। हिमाचल
में दूसरे चरण की वैक्सीन लगाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है और जल्द ही
दूसरे चरण की डोज भी 100 प्रतिशत पूरी कर ली जाएगी।
हिमाचल में 100 प्रतिशत
वैक्सीनेशन होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर,
हेल्थ वर्कर और हिमाचल के नागरिकों को बधाई दी है।
हिमाचल में मजबूत हुईं स्वास्थ्य
सुविधाएं
कोरोना महामारी फैलने के समय राज्य में केवल दो ऑक्सीजन प्लांट और 50 वेंटीलेटर उपलब्ध थे, जबकि मौजूदा स्थिती की
बात करें तो हिमाचल में 12 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके हैं और 16 नए ऑक्सीजन
प्लांट लगाने का काम 10 से 15 दिन में पूरा कर लिया जाएगा।
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वहीं हिमाचल में इस समय 800 नए वेंटीलेटर
उपलब्ध हैं। इसके अलावा हिमाचल के सभी सरकारी अस्पतालों में बेड की संख्या भी 837 गुना
बढ़ाई गई है। जिनमें से कांगड़ा में 759 बेड, शिमला में 748 बेड, मंडी में 512 बेड, बिलासपुर में 135 बेड, चंबा में 185 बेड, हमीरपुर में 156 बेड, किन्नौर में 30 बेड, कुल्लू में 74 बेड, लाहौत स्पीति में 40 बेड, सिरमौर में 435 बेड, सोलन में 490 बेड, ऊना में 128 बेड बढ़ाए गए।
हिमाचल में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में
नहीं हुई मौतें
कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर में
देश में लाखों लोगों की मौत हुई। पहली लहर में जब पूरे देश में मजदूर बेरोजगार हुए
और अपने-अपने घर जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े तब भी हिमाचल की जयराम सरकार ने
संवेदनशीलता दिखाते हुए मजदूरों को मुफ्त राशन की किटें उपलब्ध करवाईं और उनके घर
पहुंचने की व्यवस्था भी की। इतना ही नहीं बाहरी राज्यों में जो हिमाचली फंसे थे
उन्हें लाने के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसें भेजीं और उन्हें वापस हिमाचल
लाया गया।
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कोरोना की दूसरी लहर में देश
में सबसे ज्यादा मौतें, अस्पताल
में बेड की कमी, डॉक्टरों
का अभाव, समय पर
इलाज नहीं मिलना, ऑक्सीजन
की कमी, वेंटिलेटर
की कमी से हुई, लेकिन
हिमाचल में ऐसा एक भी मामला नहीं आया। हिमाचल में कोरोना काल में किसी भी व्यक्ति
की मौत बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन या इलाज के अभाव में
नहीं हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना काल में हिमाचल का हेल्थ
इंफ्रास्ट्रक्चर पिछले 50 साल की तुलना में और मजबूत हुआ है। हिमाचल के सभी जिले के
अस्पतालों में 837.3 प्रतिशत बेड की क्षमता बढ़ी। जिनमें से कांगड़ा में 759 बेड, शिमला में 748 बेड, मंडी में 512 बेड, बिलासपुर में 135 बेड, चंबा में 185 बेड, हमीरपुर में 156 बेड, किन्नौर में 30 बेड, कुल्लू में 74 बेड, लाहौत स्पीति में 40 बेड, सिरमौर में 435 बेड, सोलन में 490 बेड, ऊना में 128 बेड बढ़ाए गए।
इसके अलावा प्रदेश के कई
अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए और कई अस्पताल में वेंटिलेटर लगाए गए। आपको
बता दें कि पहली लहर के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोरोना के खिलाफ
जंग में हिमाचल प्रदेश मॉडल की तारीफ की थी।