कुल्लू। अतिथि देवो भव, इन पंक्तियों को असल मायनों में सिद्ध कर दिखाया है लाहौलवासियों ने। मंगलवार को कुदरत ने लाहौल घाटी में ऐसा कहर बरपाया कि लोग उस घड़ी को कोसने लगे जब वे इस मौसम में हिमाचल घूमने आ गए। भारी बारिश और बादल फटने से नदी नाले उफान पर आ गए, सड़कें टूट गईं और जो जहां था वो वहीं पर अटक गया।
इस मुश्किल घड़ी में सैलानियों के लिए देवदूत बन
कर आए ये हिमाचली। लाहौल स्पीति और कुल्लू के कुछ एरिया में फंसे पर्यटकों की
स्थानीय लोगों ने दिल खोलकर मदद की। पर्यटकों को लोगों ने अपने घरों में ठहराया और
खाने पीने की व्यवस्था भी की।
शांशा और जाहलमा नाला पर पुल बहने के बाद कई स्थानीय
लोग और पर्यटक भी फंस गए। पक्का पुल बनने में समय लगता इसलिए जिला प्रशासन ने झूला
पुल बनाया और स्थानीय लोगों की मदद से लोगों को रेस्क्यू किया।
जब तक पुल नहीं बन जाता तब तक लोग इस झूला पुल
का इस्तेमाल करते रहेंगे। रविवार को मौसम साफ होते ही यहां फंसे हुए पर्यटकों को
हिमाचल सरकार ने एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया।
ऐसा पहली बार नहीं है कि हिमाचल प्रदेश के
स्थानीय लोगों ने मुश्किल घड़ी में पर्यटकों की मदद की हो, इससे पहले सर्दियों के
मौसम में भारी बर्फबारी के दौरान पहाड़ियों ने सैलानियों की खूब मदद की थी। उस समय
सोशल मीडिया में तस्वीरें खूब वायरल हुई थीं और पर्यटकों ने खूब सराहना की थी।