मंगल ग्रह पर भेजे गए नासा के अंतरिक्ष यान ने सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है। ये यान मंगल पर जीवन की संभावनाओं को तलाशेगा।
नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के इंजीनियरों ने कहा कि मार्स-2020 पर्सेवरेंस मिशन 18 फरवरी को दोपहर 03:55 बजे जेजेरो क्रेटर पर पहुंचा। नासा के सबसे महत्वाकांक्षी मंगल रोवर मिशन पर्सेवरेंस ने मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक लैंड कर इतिहास रचा है।
जानिए कौन हैं स्वाति मोहन
स्वाति मोहन भारतीय मूल की हैं। उनका जन्म भारतीय कन्नड परिवार में हुआ। जब वो एक साल की थीं तो उनका परिवार अमेरिका शिफ्ट हो गया। वो नॉर्थ वर्जीनिया, वाशिंगटन डीसी मेट्रो एरिया में रहीं। उन्होंने मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से बीएस और एरोनॉटिक्स, एस्ट्रोनॉटिक्स में एमआईटी और पीएचडी की।
स्वाति मोहन ने एक इंटरव्यू में बताया है कि जब वह छोटी थीं तो टीवी धारावाहिक ''स्टार ट्रेक: द नेक्स्ट जनरेशन'' देखती थीं। इस धारावाहिक को देखने के बाद अंतरिक्ष यात्रा और अंतरिक्ष अन्वेषण की उत्सुकता पैदा हुई। स्कूल में भौतिकी का पहला अध्ययन किया। बाद में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का अध्ययन मेरी स्वाभाविक पसंद बन गया।
स्वाति मोहन कई मिशन पर काम कर चुकी हैं। जैसे कैसिनी (मिशन टू सैटर्न) और जीआरआईआईएल (मिशन मून) इसमें शामिल है। 2013 से वो मिशन मंगल-2020 पर काम कर रही हैं। वह वर्तमान में स्वाति मोहन पासाडेना, सीए में नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में मंगल-2020 का मार्गदर्शन करने के साथ नेविगेशन और नियंत्रण संचालन को लीड कर रही हैं।