शिमला। हिमाचल प्रदेश में निजी स्कूल की फीस को लेकर मनमानी रोकने के लिए अब जयराम सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। निजी स्कूलों की फीस नियंत्रित करने के लिए बनाए जा रहे नए कानून में कड़े प्रावधान किए जाएंगे।
जो स्कूल सरकार के दिशा
निर्देश नहीं मानेंगे उन प्राइवेट स्कूलों को 2 से 5 लाख तक का जुर्माना भी देना
पड़ सकता है।
सोमवार होने वाली कैबिनेट
बैठक में इस विधेयक को मंजूरी के लिए रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस
विधेयक को 18 मार्च से पहले विधानसभा में रखा जाएगा। विधानसभा से पारित होने बाद
ये कानून के तौर पर प्रदेश में लागू हो जाएगा।
निजी शिक्षण संस्थान
विनियामक एक्ट 1997 में संशोधन करने
की जगह सरकार अब नया कानून तैयार कर रही है। विधि विभाग ने कानून बनाने के लिए
विधेयक को मंजूर कर दिया है।
नए कानून के तहत डीसी की अध्यक्षता
में निजी स्कूलों की फीस तय की जाएगी। उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी
30 को मंजूरी देगी और इसी
कमेटी के पास निजी स्कूल फीस से संबंधित शिकायतों की अपील कर सकेंगे।
क्या रहेंगे
मापदंड ?
प्राइवेट स्कूल में
शिक्षा व्यवस्था का क्या स्तर है। स्कूल में मूलभूत सुविधाएं हैं भी या नहीं, शिक्षकों
की सैलरी क्या है, ऐसे विषयों को ध्यान में रखकर ही फीस तय की जाएगी।
नए कानून के तहत स्कूल
वर्दी और किताबों को लेकर भी दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे। निजी स्कूल अपनी मर्जी
से दुकानों को चिह्नित कर अभिभावकों को वहीं से खरीद करने के लिए बाध्य नहीं कर
सकेंगे।
अगर हिमाचल में ये कानून
लागू होता है तो निजी स्कूलों की मनमानी खत्म हो जाएगा। अभिभावकों की समस्या को
ध्यान में रखते हुए जयराम सरकार जल्द ही ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है।