आज पुलवामा हमले की दूसरी बरसी है। दो साल पहले आज ही के दिन देश-ए-मोहम्मद के एक फिदायीन आतंकी दस्ते ने पुलवामा में सीआरपीएफ की टुकड़ पर हमला किया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। भारतीय सेना ने 40 जवानों की शहादत का बदला लेते हुए पीओके में एयर स्ट्राइक की थी।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए इस आतंकी हमले
को दो साल हो गए, लेकिन आज भी वो घटना लोगों के जहन में है। आतंकवादियों ने 14
फरवरी का दिन चुना था इस साजिश के लिए। जम्मू-कश्मीर के पुलावामा में आतंकियों ने
अपने विस्फोटक सामग्री भरी हुई थी। आतंकियों ने अपने वाहन से सीआरपीएफ के ट्रक को
टक्कर मारी और धमाका हो गया, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे।
40 जवानों की शहादत का बदला भारतीय सेना ने पीओके
में एयर स्ट्राइक की थी। सेना ने पीओके में कई सौ किलोमीटर अंदर जाकर आतंकी ठिकाने
ध्वस्त किए और आतंकियों को मार गिराया था।
पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले आदिल, कारी
यासिर, सज्जाद भट्ट, उमर फारुक, मुदसिर अहमद खान और उनके कई साथी भी मारे जा चुके
हैं। इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भी अहम भूमिका निभाई थी। अगस्त 2020 में
एनआईए ने 13,500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में 19 आरोपियों के
नाम शामिल किए गए थे जिनमें से 6 की मौत हो चुकी थी। मारे गए 6 आतंकी अलग-अलग
ऑपरेशन में जहन्नुम पहुंचाए गए थे।
एनआईए ने चार्जशीट में बताया था कि आतंकी संगठन
जैश-ए-मोहम्मद ने आईएसआई और पाकिस्तान की कई सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर
पुलवामा हमले की साजिश को अंजाम दिया था। एनआईए की चार्जशीट में जिन जिंदा
आरोपियों के नाम हैं उनमें सबसे ऊपर जैश सरगना मसूद अजहर, रउफ असगर मसूद, मौलाना
अम्मार अली के नाम मुख्य हैं।
चार्जशीट में बताया गया है कि पुलवामा हमले में
इस्तेमाल किया गया विस्फोटक पाकिस्तान से भेजा गया था, लेकिन वो भारत पहुंचा कैसे
ये जांच का विषय है। जैश का सरगना मसूद अजहर इस प्लान का मास्टर माइंड था। मसूद ने
ही पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियों की मदद से इस हमले की साजिश रची और वारदात को
अंजाम दिया। मसूद के दोनों भाइयों ने जिहाद के नाम कश्मीर में आतकियों का ब्रेन
वॉश किया और उन्हें मानव वम बनाया।
कार में आईईडी को असेम्बल कर फिट करने वाला
शाकिर बशीर पुलवामा में फर्नीचर की दुकान करता है। उसी ने सीआरपीएफ के काफिले पर
नजर रखी और आतंक के आकाओं पर पूरी जानकारी पहुंचाई। पकड़े गए आतंकी इकवाल राठेर ने
एनआईए को बयान दिया था कि उसने जैश कमांडरों के आदेश पर 22 आतंकियों की घुसपैठ
करवाई थी। आपको बता दें पुलवामा हमले के बाद सेना ने आतंकियों के खात्मे के लिए
घाटी में संयुक्त अभियान चलाया। 2 साल में 375 से ज्यादा आतंकियों को मार दिया गया
है।
याद करिए वो जिन जब 26 फरवरी की रात मिराज 2000 ने ग्वालियर से उड़ान भरी। 12 मिराज सुबह 3 बजे पाकिस्तान में दाखिल हुए और बालाकोट में जबरदस्त बम बरसाए गए। भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक में अहम भूमिक निभाई थी। सेना ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह किया और सैकड़ों आतंकियों को मार गिराया था।