कोरोना महामारी में कुछ लोग समाज के लिए उदाहरण पेश कर रहे हैं तो समाज को चिंता में डाल रहे हैं। पहले आपको एक खबर दिखाई जिसमें 85 वर्षीय बुजुर्ग ने कैसे अपनी जान देकर एक नौजवान की जान बचाई। दूसरा, उत्तराखंड में ग्रामीणों ने जब कोरोना संक्रमित शव का दाह संस्कार करने से इन्कार कर दिया तो कैसे देवदूत बनकर आए पुलिसवालों ने शव का पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार किया। अब एक घटना उत्तर प्रदेश के जौनपुर में घटी जहां इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें सामने आईं।
सैल्यूट है इन जवानों को, ग्रामीणों ने नहीं किया कोरोना संक्रमित शव का अंतिम संस्कार, फिर आगे आए पुलिसवाले
जी हां, जौनपुर के मड़ियाहूं
कोतवाली इलाके के अंबरपुर गांव में तिलकधारी सिंह अपनी पत्नी राजकुमारी देवी की
लाश को साइकिल पर लेकर भटकते रहे। शव को कंधा देने के लिए एक ग्रामीण घर से बाहर
नहीं निकला।
मैं पूरी जिंदगी जी चुका हूं, ये कहते हुए 85 वर्षीय स्वयंसेवक ने नौजवान के लिए छोड़ा बेड, 3 दिन बाद हुई मौत
दरअसल 55 वर्षीय राजकुमारी देवी की कोरोना से मौत हो गई। पूरे गांव में कोरोना ना फैल जाए इसलिए ग्रामीणों ने गांव में शव का अंतिम संस्कार भी नहीं करने दिया। गांव में ही किसी इनकी तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया में वायरल कर दीं जिसके बाद पुलिस ने संज्ञान लिया और शव का अंतिम संस्कार करवाया।
जौनपुर में इंसानियत शर्मसार! कोरोना के डर से गॉव वालों नें नहीं करने दिया अंतिम संस्कार, पत्नी के शव को साइकिल पर लेकर घूमता रहा बुजुर्ग,पुलिस ने की मदद
— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) April 28, 2021
मड़ियाहूं कोतवाली के अम्बरपुर गांव निवासी तिलकधारी सिंह की पत्नी राजकुमारी देवी (55 वर्ष) की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। pic.twitter.com/2pXZbW1JRW